Rapperiya Baalam - Shoorveer Sambhaji Maharaj Song

Shoorveer Sambhaji Maharaj

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File Name: Shoorveer Sambhaji Maharaj

Singer: Rapperiya Baalam, Cyli Khare

Lyric: Jagirdar RV, Cyli Khare

Music: Rapperiya Baalam

Category: Marathi

Duration: 04:20 Min

Added On: 24, Feb 2025

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Shoorveer Chhatrapati Sambhaji Maharaj Lyrics Hindi


कथा ये है महाराज मेरे की ,हिन्द का अमर उजाला था

आन पे कर दिए प्राण न्योछावर लहूँ में जिसके ज्वाला था !

रणधीर वीर तूफ़ान चिर मेरे छत्रपति महाराज संभाजी

बोले अतीत शत्रु अधीर जब चलते थे महाराज संभाजी


खर ख़ंजर भर ज्वाला अंदर हवा से घोड़े उड़ते थे

मर्त्यु करती ताण्डव रण में जब मर्द मराठा लड़ते थे

चिंघाड़ सनातन की गूंजी और ध्वज केसरी लहरे थे

ठोर ठोर थे घोर घाव और लहू से लथपथ चेहरे थे


Hook

महाराज मेरे महाराज मेरे है छत्रपति महाराज संभाजी

रक्त रवानी रगो में ऐसी रण में तप से आग लगादी

महाराज मेरे महाराज मेरे है छत्रपति महाराज संभाजी

रक्त रवानी रगो में ऐसी रण में तप से आग लगा दी


Rap I

ले साठ किलो तलवार ,युद्ध में

शस्त्र शास्त्र विधवान , ख़ुद में

साथ कलश का हाथ ,दुख में

अमर हो गये नाम , जुग में

काटता गर्दन गठबंधन वो माना ना

कभी सर को झुकाना जाना ना

कभी माना ना ,स्वराज का सपना पाला था

काँपे दुश्मन काँपे

शंभु राजे ,केसरी साजे

ख़ाली करके इलाक़े भागे

शत्रु क्षेत्र में गाजे बाजे राजे

लड़ी लड़ाई 120 , लिया रामनगर रायगढ़ भी जीत

थी भिन्न भिन्न भाषा की सिख ,आमेर से समझी राजनीत


Female

ना क्षणभर थमकर जमकर बरसे

गड़ गड़ सर धर दर दर बिखरे

साँस को तरसे भाग थे डर से

ले तलवार महाराज जो निकले

शिव शंकर के ध्यानी थे

त्याग की अमर कहानी थे

वो हिंदूवीर वो धर्म वीर

वो शोर्य की परम निशानी थे


Main Hook

महाराज मेरे महाराज मेरे है छत्रपति महाराज संभाजी

रक्त रवानी रगो में ऐसी रण में तप से आग लगा दी

महाराज मेरे महाराज मेरे है छत्रपति महाराज संभाजी

रक्त रवानी रगो में ऐसी रण में तप से आग लगा दी


Music


Female

क्रूर औरंगजेब

अन्याय त्याचे अनेक

प्याद्यांमागुन झाकत होता

त्याने सिंह पाहिला होता.

हत्तीचे साखळदंड

शंभुराजे तरी ना वाके

शिवरायांचे ते रक्त,

शंभुराजे तरीही सक्त,

ऐसा सिंह जाहला होता,

ज्याने तक्त हलविला होता

ऐसा सिंह जाहला होता,

ज्याने तक्त हलविला होता


Rap Ii

ऑरेंगज़ेब दे घुटने टेक

जब ख़ाली हाथ लोटा हुसैन

चाहे येन केन कोई प्रकारेण

पक़डु उसको लू सुख और चैन

क़िस्मत पलटी नियत बदली गणोजी शिर्के ने भेद दिया

देख के मौक़ा करके धोखा वीर निहत्था घेर लिया

महाराज को बांध फिर उल्टा ऊँट पे मार मार के घाव दिये

आँखें नोची , पसली तोड़ी , सरियों से शरीर को दाग दिये

फिर काट हाथ और पैर साथ नाखून बाल भी उखाड़ दिये

फिर बदन पे झोंकी जलती सलाख़े वीर ना फिर भी आह करे


Female

चेहरे पे भय का भाव नहीं , चाहे आँखों में प्रकाश नहीं

धन से बढ़कर हैं धर्म सदा , झुकने से गहरा घाव नहीं

स्वराज में जीना बाण यही, है मान से बढ़कर प्राण नहीं

पूजे दुनिया विरो की चिता कायर का कहीं सत्कार नहीं



महाराज मेरे महाराज मेरे है छत्रपति महाराज संभाजी

रक्त रवानी रगो में ऐसी रण में तप से आग लगा दी

महाराज मेरे महाराज मेरे है छत्रपति महाराज संभाजी

रक्त रवानी रगो में ऐसी रण में तप से आग लगा दी